कोटा
दिल्ली-मुंबई 8 लेन एक्सप्रेस-वे पर गुरुवार सुबह एक भीषण सड़क हादसा हुआ, जिसमें तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई और दो गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना सिमलिया (कोटा) इलाके के कराड़िया के पास सुबह साढ़े 6 बजे के आसपास हुई। हादसे में शामिल बस में महाकुंभ (प्रयागराज) से मंदसौर (मध्य प्रदेश) लौट रहे श्रद्धालु सवार थे।
सिमलिया थाना के एएसआई हरिराज सिंह के अनुसार, बस में करीब 56 यात्री सवार थे, जो मध्य प्रदेश के मंदसौर और रतलाम के रहने वाले थे। हादसा तब हुआ जब बस ने हाईवे पर खड़े एक ट्रक में पीछे से टक्कर मार दी। इस टक्कर में बस के आगे का हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया।
हादसे में कैलाशी बाई (54), किशोरी लाल (60) और अशोक (35) की मौत हो गई। कैलाशी बाई और किशोरी लाल पति-पत्नी थे, जो मंदसौर के संजिद नाका, पटेल कॉलोनी के रहने वाले थे। वहीं, अशोक नृसिंहपुरा, रामदेव मंदिर के पास रहने वाले थे और पेशे से हलवाई थे। इसके अलावा, चमन लाल और पार्वती गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिन्हें कोटा के एमबीएस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। दोनों घायल बस की केबिन में बैठे थे।
हादसे के बाद बस ड्राइवर फरार हो गया है। मौके पर पहुंची पुलिस और एमरजेंसी टीम ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया और मृतकों के शवों को निकाला। बस में सवार अन्य यात्रियों को कराड़िया स्थित नाड़ा का हनुमान मंदिर परिसर में ठहराया गया है। यात्रियों के लिए दूसरी बस की व्यवस्था की जा रही है।

बस में सवार रतलाम की रहने वाली सिद्धि पंवार ने बताया कि हादसे के समय बस में सवार अधिकांश यात्री सो रहे थे। टक्कर होते ही सभी की नींद खुल गई और यात्रियों ने इमरजेंसी गेट से कूदकर अपनी जान बचाई। यात्रियों ने अपना सामान भी बस से बाहर निकाला।
बस (सिद्धि विनायक यात्रा टूर) 7 फरवरी को मंदसौर से प्रयागराज के लिए रवाना हुई थी। इसमें 25 यात्री मंदसौर, 6 यात्री प्रतापगढ़, 6 मनासा और 1 ग्रुप रतलाम के सहित अन्य जगहों के यात्री शामिल थे। बुधवार रात 11 बजे बस आगरा से आगे निकली थी और रास्ते में रुकते-रुकते आ रही थी। सिमलिया से पहले तड़के 5 बजे यात्रियों ने टॉयलेट के लिए रुकने के बाद बस फिर से रवाना हुई थी।

पुलिस ने हादसे की जांच शुरू कर दी है और बस ड्राइवर को तलाश करने के लिए छापेमारी की जा रही है। इस दुर्घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा और ड्राइवरों की लापरवाही को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।