कोटा
kota शहर के स्टेशन इलाके के कपड़ा व्यापारी की पत्नी पूजा अरोड़ा (pooja arora) की लगभग एक महीने पूर्व हुई नृशंस हत्या के बाद भी अब तक पुलिस (kota police) हत्यारों तक पहुंचने में नाकाम रही है। घटना को बीते 25 दिन से ज्यादा का समय निकल चुका है, आरोपी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं। परिजन पूजा अरोड़ा हत्याकांड के आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर तीन बार एसपी को ज्ञापन देकर थक चुके है। पुलिस ने इस हत्याकांड के बाद से ही सुस्त के रवैया अपनाया हुआ है। ऐसा लगता है कि पुलिस कातिल तक पहुंचना ही नहीं चाहती। अब परिजन व्यापार संघ को साथ लेकर पूजा अरोड़ा हत्याकांड के खुलासे ओर आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए आईजी की शरण मे जाने की तैयारी कर रहे हैं।
ये है मामला-
शहर के कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र में फायर रेंजर शंभूपुरा हाइवे के पास विगत 1 जून 2022 को पूजा अरोड़ा (50) पत्नी ललित अरोड़ा निवासी गुरुद्वारे के पास स्टेशन रोड भीमगज मंडी की लाश मिली थी। मृतका घर से ब्यूटी पार्लर पर जाने का नाम लेकर निकली थी। उसने करीब 8 तोला सोने के जेवरात दो सोने के कड़े, 4 सोने की अंगूठियां, पूजा नाम का लॉकेट, कानों में कुंडल पहन रखे थे। पति ललित अरोड़ा ने लूट के इरादे से अज्ञात बदमाशों द्वारा हत्या की आशंका जताई थी। परिजनों द्वारा पुलिस का हर संभव सहयोग करने के बावजूद आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। अनदेखे आरोपियों के खुले घूमने से परिजनों में डर का माहौल व्याप्त है उन्हें अब अपनी जान पर खतरा मंडराता नजर आ रहा है। मृतका के पुत्र ने बताया कि अनदेखा कातिल कहीं परिवार के किसी और सदस्य पर हमला ना कर दे। अब तो घर से बाहर निकलने में भी एक डर मन में लगा रहता है।
हत्या के बाद महिला का मोबाइल नहीं ढूंढ पाई पुलिस-
मृतका पूजा अरोड़ा घर से अपना मोबाइल व एक बैग में कपड़े लेकर घर से निकली थी। म्रतक महिला की आखिरी लोकेशन रेलवे कॉलोनी के आस-पास की मिली। हत्या के बाद पुलिस को महिला का मोबाइल नही मिला। उसके मोबाइल में बेटे रोहित अरोड़ा के नाम की सिम डली हुई थी। नई सिम निकलवाने के बाद कॉल डिटेल को खंगाला गया तो उसमें एक लंबी लिस्ट मिली है। पुलिस कॉल डिटेल के आधार पर अब तक परिवार, रिश्तेदार, परिचितों सहित सेकड़ो लोगो से पूछताछ भी कर चुकी है। महिला की आखिरी लोकेशन के आधार पर तथाकथित पत्रकार भी संदेह के घेरे में है। इसके साथ ही पूजा अरोड़ा व उसके पति ललित अरोड़ा के श्याम मित्र मंडल से जुड़ा होने के कारण कुछ लोग श्याम मित्र मंडल के भी संदेह के घेरे में है।
सूत्रों के अनुसार कुछ राजनीतिक दल से जुड़े लोग की पुलिस की रडार में है। हालांकि पुलिस आरोपियों के करीब होकर भी पूजा हत्या कांड की गुत्थी सुलझाने में कामयाब नही हो पाई है। मृतका के बेटे रोहित अरोड़ा ने बताया कि वह अपनी पत्नी व बेटे के साथ 4 साल से अलग रह रहा था। पुलिस पूछताछ के दौरान परिवार वालो पर कई प्रकार के आरोप लगा रही है। पुलिस जांच में परिवार के सदस्य पूरा सहयोग कर रहे हैं। अब तक करीब 25 दिन में 15 बार पुलिस थाने पर पूछताछ के लिए बुलाया जा चुका है। अधिकारी से लेकर कॉन्स्टेबल तक एक ही सवाल किए जा रहे हैं। आरोपी पकड़ा जाए इसलिए परिवार के सदस्य पुलिस को जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं। अब तक सिटी एसपी को तीन बार ज्ञापन भी दिया जा चुका है। जिसमें समाज के साथ मिलकर 20 जून को भी ज्ञापन दिया गया था। हर बार आश्वासन तो मिला लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर पाई है। तीन दिन पहले ही सिटी एसपी केसर सिंह शेखावत ने मामले की जांच एडिशनल एसपी उमा को सौंपी थी। एडिशनल एसपी उमा ने जांच मिलने पर अगले दिन पूछताछ के लिए परिजनों को बुलाने के लिए कहा था लेकिन 5 दिन गुजर जाने के बाद भी वहां से कोई फोन नहीं आया।
पोस्टमार्टम रूम का दृश्य आज भी आंखों के सामने, नहीं आती नींद-
पीड़ित रोहित अरोड़ा ने बताया कि मां की हत्या के बाद शिनाख्त के लिए बुलाया गया था। पोस्टमार्टम रूम का दृश्य आज भी आंखों के सामने होने से नींद नहीं आती। चेहरे से पहचान पाना भी मुश्किल था। मां के कान के पास एक निशान था जो ऑपरेशन के बाद हुआ था जिसके आधार पर शिनाख्त की। उनके हाथ की अंगुली में एक छोटी रिंग फांसी हुई मिली। इसके अलावा सामान्य रूप से पहनने वाली ज्वेलरी सोने की अंगूठियां, कड़े, लॉकेट आदि गायब मिले। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा मां के बारे में कई बातें बताई, परिवार वालों पर भी आरोप लगाया गया। वो जैसी भी थी लेकिन उनकी हत्या हुई है और आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। जिससे परिवार के सदस्य को भी जान का खतरा है। आरोपी अनजान है। घर में एक बहन है, पत्नी है, पिता है और बेटा है। यदि आरोपी नही पकड़ा गया तो जिंदगी भर डर के साये में जीना पड़ेगा। इसका असर व्यापार पर भी पड़ रहा है।
आईजी की शरण में जाएगा पीड़ित परिवार-
मृतका के बेटे रोहित अरोड़ा ने बताया कि हत्याकांड के खुलासे को लेकर परिवार के सदस्यों को पुलिस पर पूरा भरोसा था। लेकिन घटना के 25 दिन निकल जाने के बाद भी कोई सफलता नहीं मिली। जिससे लगता है कि पुलिस दबाव में काम कर रही है। मामले की निष्पक्ष जांच को लेकर 1 जुलाई तक व्यापार संघ व समाज के लोगों के साथ लेकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की जाएगी। यदि फिर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई तो सड़क पर उतरके इंसाफ की मांग की जाएगी।